इन तथ्यों से मेरा अभिप्राय भ्रष्टाचार का पक्षपोषण करना नहीं है बल्कि उस ओर इशारा करना है कि यह तो पूंजीवादी संस्कृति का मात्र ‘बाई प्रोडक्ट ' है.
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सरकार द्वारा रणनीतिक महत्व के पदों पर इनकी नियुक्ति क्या संसदीय व्यवस्था को नष्ट करना तथा कारपोरेट हितों का पक्षपोषण करना नहीं है? ऐसे अनगिनत मामले हैं।
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इन तथ्यों से मेरा अभिप्राय भ्रष्टाचार का पक्षपोषण करना नहीं है बल्कि उस ओर इशारा करना है कि यह तो पूंजीवादी संस्कृति का मात्र ‘ बाई प्रोडक्ट ' है.